दिल्ली की तपती दोपहरी और 45°C तक पहुंचता तापमान सिर्फ परेशान नहीं करता, बल्कि अब जानलेवा भी बनता जा रहा है। हर साल Heat Stroke के कारण सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है, और 2025 की भीषण गर्मी ने तो जैसे चेतावनी दे दी है कि हालात और बिगड़ने वाले हैं। सवाल ये है — क्या हम सच में तैयार हैं इस खतरनाक तापमान से लड़ने के लिए?
Heat Stroke क्या है और यह इतना खतरनाक क्यों है?
Heat Stroke तब होता है जब शरीर का तापमान अचानक 104°F (40°C) या उससे अधिक पहुंच जाता है और शरीर खुद को ठंडा नहीं कर पाता। यह मेडिकल इमरजेंसी है, और समय पर इलाज न मिले तो ब्रेन डैमेज, हार्ट फेल्योर, और मौत तक हो सकती है।
मुख्य कारण:
- लंबे समय तक धूप में रहना
- अधिक गर्मी और नमी
- पानी और नमक की कमी (Dehydration)
- उम्रदराज़, बच्चे और हार्ट के मरीज सबसे ज्यादा खतरे में
दिल्ली में Heat Stroke की स्थिति कितनी भयावह है?
साल | Heat Stroke से मौतें | अधिकतम तापमान |
---|---|---|
2021 | 92 | 44.5°C |
2022 | 117 | 45.8°C |
2023 | 140+ | 46.2°C |
2024 | 168 | 47.5°C |
2025 | 178 | 48.6°C |
(Data sourced from local hospitals and health departments)
2025 में गर्मी ने पहले ही कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। सिर्फ मई महीने में ही 70 से ज्यादा लोग heat stroke की वजह से अस्पतालों में भर्ती हो चुके हैं।
Heat Stroke के लक्षण (Symptoms of Heat Stroke)
गर्मियों के मौसम में ज्यादा देर धूप में रहने से शरीर का तापमान असामान्य रूप से बढ़ जाता है, जिससे हीट स्ट्रोक हो सकता है। इसके लक्षण अचानक और बेहद खतरनाक हो सकते हैं। सबसे आम संकेतों में अत्यधिक पसीना आना या कभी-कभी बिल्कुल पसीना न आना, तेज़ बुखार (104°F या उससे अधिक), तेज़ और कमजोर नाड़ी (pulse), चक्कर आना, मतली या उल्टी, भ्रम की स्थिति, बोलने में तकलीफ, और बेहोशी शामिल हैं। शरीर में अत्यधिक गर्मी के कारण मस्तिष्क, दिल, किडनी और मांसपेशियों को नुकसान पहुँच सकता है। अगर समय पर इलाज न मिले, तो हीट स्ट्रोक जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति में ये लक्षण नजर आएं, तो तुरंत उसे ठंडी जगह ले जाकर प्राथमिक उपचार देना और मेडिकल मदद लेना जरूरी है।
- शरीर का अत्यधिक गर्म हो जाना
- उल्टी या जी मिचलाना
- सिर दर्द और चक्कर
- तेज़ दिल की धड़कन
- शरीर का पसीना बंद हो जाना
- बेहोशी या भ्रम की स्थिति
Heat Stroke से कैसे बचें?
सुरक्षा उपाय:
- दोपहर 12 से 4 बजे तक बाहर न निकलें
- हमेशा टोपी, छाता और हल्के रंग के ढीले कपड़े पहनें
- हर आधे घंटे में पानी या ORS पिएं
- घरों और ऑफिस में कूलिंग सिस्टम का उपयोग करें
- धूप में निकलने से पहले शरीर को कवर करें
- बच्चों और बुज़ुर्गों को विशेष देखभाल दें
Heat Stroke से कौन लोग सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं?
- बच्चे (0-10 साल)
- 60+ उम्र वाले
- जिनकी पहले से heart, kidney या BP से जुड़ी बीमारियाँ हैं
- मजदूर या सड़क पर काम करने वाले लोग
- जिनके पास घर में कूलिंग का साधन नहीं है
क्या Heat Stroke की घटनाएं और बढ़ेंगी?
Yes. Climate scientists का कहना है कि दिल्ली-NCR में 2027 तक गर्मियों के तापमान में और 2°C तक बढ़ोतरी हो सकती है। इसका मतलब है कि आने वाले सालों में heat stroke से जुड़ी मौतें और तेज़ी से बढ़ सकती हैं। WHO और IPCC जैसी संस्थाएं पहले ही चेतावनी दे चुकी हैं कि भारत के शहर, खासकर दिल्ली, जलवायु परिवर्तन के कारण “heat wave capital” बनने की कगार पर हैं।
हीट स्ट्रोक और गर्मी से बचाव के सरकारी दिशा-निर्देश जानें: Ministry of Health and Family Welfare – Government of India
निष्कर्ष:
दिल्ली की गर्मी अब केवल “असहनीय” नहीं रही — ये जानलेवा बन चुकी है। Heat Stroke को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। समय रहते सावधानी, सही जानकारी और थोड़ी सी जिम्मेदारी आपके और आपके परिवार के लिए ज़िंदगी और मौत का फर्क बना सकती है।
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स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें।
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