दिल्ली की दौड़ती-भागती जिंदगी में अब एक नई चुपचाप फैलने वाली बीमारी ने जगह बना ली है – Thyroid Disorder। यह कोई साधारण रोग नहीं, बल्कि हॉर्मोनल सिस्टम को चुपचाप अंदर से खा जाने वाली एक आधुनिक महामारी बन चुका है। खास बात ये है कि अधिकतर लोग इसके लक्षणों को आम थकान, वजन बढ़ना या मूड स्विंग समझकर नजरअंदाज कर देते हैं — लेकिन यही सबसे बड़ी गलती है।
क्या है Thyroid Disorder?
क्या है Thyroid Disorder? एक छोटा ग्लैंड, लेकिन पूरी बॉडी पर राज करता है!
थायरॉइड हमारे गले में स्थित एक तितली जैसी दिखने वाली ग्रंथि (gland) है, लेकिन इसका काम पूरे शरीर के सिस्टम को नियंत्रित करना है — दिल की धड़कन से लेकर दिमाग की सोचने की शक्ति, नींद से लेकर वजन तक, और मूड से लेकर मासिक धर्म तक सब कुछ इसके इशारे पर चलता है। जब ये ग्लैंड संतुलन बिगाड़ता है, तब शुरू होती है असली जंग! Hypothyroidism में शरीर सुस्त, थका हुआ, वजन बढ़ा हुआ और डिप्रेशन-ग्रस्त हो जाता है, जबकि Hyperthyroidism में दिल तेज़ धड़कने लगता है, बेचैनी बढ़ जाती है और शरीर खुद को अंदर से जलाने लगता है। यह एक ऐसा छुपा हुआ दुश्मन है जो धीमे-धीमे शरीर और आत्मा दोनों को खा जाता है, और लोग इसे मोटापा, थकान या स्ट्रेस समझकर टालते रहते हैं। लेकिन हकीकत ये है — अगर थायरॉइड कंट्रोल से बाहर हो जाए, तो ये पूरे शरीर को एक अनजाने अंधेरे में धकेल सकता है। इसीलिए, इसे हल्के में लेना एक life-altering mistake हो सकती है।
Thyroid हमारे गले में स्थित एक ग्लैंड होता है जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। इसके दो मुख्य प्रकार होते हैं:
- Hypothyroidism – जब ग्लैंड पर्याप्त हॉर्मोन नहीं बनाता
- Hyperthyroidism – जब ग्लैंड ज़रूरत से ज़्यादा हॉर्मोन बनाता है
दोनों स्थितियां शरीर में भारी असंतुलन पैदा करती हैं।
दिल्ली में Thyroid क्यों तेजी से बढ़ रहा है?
दिल्ली में पिछले 5 वर्षों में Thyroid के मामलों में 60% तक की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके पीछे कई गंभीर वजहें हैं:
वजह | असर |
---|---|
दूषित पानी और भोजन | शरीर में टॉक्सिन्स भर जाते हैं जो थायरॉइड ग्लैंड को प्रभावित करते हैं |
आयोडीन की कमी | थायरॉइड कार्यप्रणाली में बाधा |
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन (Wi-Fi, मोबाइल टावर) | हॉर्मोनल असंतुलन पैदा करता है |
स्ट्रेसफुल लाइफस्टाइल | कॉर्टिसोल बढ़ता है, जिससे हॉर्मोन चक्र डिस्टर्ब होता है |
वायु प्रदूषण | शरीर में सूजन और हॉर्मोनल डिस्टर्बेंस |
सबसे ज़्यादा खतरे वाले इलाके
स्वास्थ्य रिपोर्ट्स के अनुसार, दिल्ली के ये इलाके Thyroid के हाई-रिस्क ज़ोन बनते जा रहे हैं:
- South Delhi (Malviya Nagar, GK, Saket)
- Rohini और Pitampura
- Laxmi Nagar, Mayur Vihar
- Dwarka और Janakpuri
इन इलाकों में जंक फूड, स्ट्रेस, ट्रैफिक प्रदूषण और केमिकल युक्त पानी की समस्या ज़्यादा है।
लक्षण जो अनदेखा नहीं करने चाहिए
अगर आपको अक्सर थकान हद से ज़्यादा महसूस होती है, वज़न बिना किसी कारण के अचानक बढ़ या घट रहा है, मन अजीब उदासी या चिड़चिड़ेपन से घिरा रहता है, बाल झड़ने लगे हैं, महिलाओं को पीरियड्स अनियमित हो गए हैं, या फिर ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल हो रही है — तो इसे सिर्फ स्ट्रेस या लाइफस्टाइल की गलती मत समझिए। ये सब थायरॉइड डिसऑर्डर के चुपचाप बढ़ते हुए संकेत हो सकते हैं। शरीर ये लक्षण चिल्लाकर कह रहा होता है कि कहीं कुछ गड़बड़ है, लेकिन हम अक्सर इन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं – और यही सबसे बड़ी भूल होती है। अगर इन लक्षणों में से कोई भी लगातार महसूस हो रहा है, तो तुरंत थायरॉइड जांच करवाएं, क्योंकि सही समय पर किया गया इलाज न सिर्फ आपको राहत देगा, बल्कि आपकी पूरी ज़िंदगी को बीमारियों के अंधेरे से बाहर खींच सकता है।
- Extreme थकान
- वज़न अचानक बढ़ना या घटना
- डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन
- Hair Fall
- Irregular periods (महिलाओं में)
- Concentration में परेशानी
अगर आपको ऊपर दिए गए लक्षणों में से कोई भी दिखे, तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
AIIMS के एंडोक्रिनोलॉजिस्ट Dr. Rajeev Saxena के अनुसार –
“थायरॉइड अब सिर्फ एक मिडल एज या महिलाओं की बीमारी नहीं रही, अब तो 16 से 22 साल के युवाओं में भी इसके केस बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “Stress, gadgets radiation और lifestyle choices इसके पीछे सबसे बड़ा कारण बन चुके हैं।”
बचाव और इलाज के उपाय
- IODINE-RICH DIET लें – जैसे दही, दूध, सी फूड
- मोबाइल और Wi-Fi की रेडिएशन से दूरी
- Filtered और alkaline पानी पीना शुरू करें
- Yoga और Meditation से स्ट्रेस मैनेज करें
- Regular Thyroid टेस्ट करवाएं (TSH, T3, T4)
- समय पर मेडिकेशन लेना और डॉक्टर से फॉलोअप
भविष्य की तस्वीर: 2027 तक क्या होगा?
यदि यही ट्रेंड जारी रहा, तो 2027 तक दिल्ली में हर 2 में से 1 महिला को थायरॉइड होगा, और 15% युवाओं में हॉर्मोनल इम्बैलेंस सामान्य बन जाएगा।
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निष्कर्ष
थायरॉइड कोई छोटी बीमारी नहीं – यह धीरे-धीरे पूरे शरीर को तोड़ देता है। और दिल्ली की तेज़ी से बिगड़ती पर्यावरणीय और खानपान की स्थिति इसे और भी खतरनाक बना रही है। जागरूक रहें, समय रहते जांच करवाएं, और अपनी दिनचर्या को स्वस्थ बनाएं।
थायरॉइड से जुड़ी जानकारी और सरकारी दिशा-निर्देश जानने के लिए पढ़ें: NHP India – Thyroid Information by Ministry of Health